अगर आपका कोई अनलाइन ब्यावसाय चलाते है याफिर आप कोई ब्लाग या बैवसाइट चलाते है तो अस्कर आप आपने आपसे ये पुछते रहते होंगे कि आपने बैवसाइट पर अच्छे SEO होने के बावजूद भी google website rank क्यों नही करता।
दरसल, ब्यापार चाहे अफलाइन हो या अनलाइन दौनो मे एक चिज कमन होती है और वह है ज्यादा से ज्यादा ग्राहको तक पहुचना। इतना तो हम सभी जानते है की आपनी ब्यापार को फेलाने और इसमे सफलता पाने के लिए कई तरह के हतखन्डे आपनाने पडते है।
हलाकी अफलाइन या अनलाइन ब्यापार मे काफी हद तक समानता होने के बावजुद भी इनके विच कुछ बुनियादी अन्तर जरुर है और वह है सर्च इंजन एल्गोरिथम और यही एल्गोरिथम आपकी अनलाइन ब्यावसाय को नियत्रित करता है और दुनिया वड़के सभी अनलाइन ब्यापारी इसी एल्गोरिथम को समझने मे जुटि है।
तो इस लेख मे हम अच्छे SEO Optimized webpage होने पर भी Google मे website rank क्यों नही करता इस सबाल के जबाव को ढुढ़ निकाल ने का प्रयास करेंगे, और सर्च इंजन के एल्गोरिथम को बेहतर तरीके से समझने के लिए कुछ उदाहरण को भी इसमे शामिल करेंगे। इसलिए हमारे साथ बने रहे और इस लेख को ध्यान से पढ़ै। चलिए आगे वडने से पेहले सर्च इंजन एल्गोरिथम कैसे काम करता इस पर एक नजर ढाललेते है:
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बैवसाइट रैंकिंग पर सर्च इंजन कैसे काम करता है?
क्योकि search engine कि मेहरबानि के उपर ही आपकी अनलाइन ब्यापार का भविष्य निर्भर है करता है। और इसीलिए सर्च इंजन के एल्गोरिथम को बेहतर ढ़ंग से समझना और भी जरुरी हो जाता है।दरसल जबभी सर्च इंजन की बात आती है तो इसका सीधा सीधा मतलब सर्च इंजन अनुकूलन यानि SEO से होता है और सच्चाई ये है कि सर्च इंजन अनुकूलन आपने आपमे एक बहुत बड़ा टपिक है। इसे पुरी तरह से समझ पाना लोहे कि चाने चवाने के बडावड है।
दरसल सर्च इंजन एल्गोरिथम किसी specific factor पर निर्भर नही करता, इसके काम करने के कई parameter होते है। तकरिबन ये 200 से भी अधिक parameter को फलो करता। On page SEO से लेकर Off page SEO, technical SEO, site structure, proper keyword research , Quality Article और भी कई सारे factors इसमे शामिल होता है।
दिक्कत ये है कि हर parameter पर खरे उतर पता कितना कठीन काम हो सकता है ये आप खुदही समझ सकते है। एक ही लेख मे पुरी सर्च इंजन अनुकूलन को समझा पाना मुशकिल है, इसके लिए आपकी खुदकी प्रयासो और इसकी वेसिकस के बार मे जानकारि होने कि आवश्बकता होगो। अगर आप सर्च इंजन अनुकूलन के वेसिकस के बारे अधिक विस्तार से जानना चाहते है तो आपको, SEO और इसके प्रकार को समझना होगा।
Google Website rank क्यों नही करता?
किसी भी ब्यापार के विफलता के पिछे कई न कोई कारण जरुर होते है जिन्है समय रहते खोजना और उन्है जल्द से जल्द सही करणा जरुरी होता है। हलांकी अनलाइन ब्यापार का कारण अफलाइन ब्यापार के कारणो से अलग हो सकती है क्योकि इसमे कई तरह के टेकनिकल फेक्टर शामिल होते है।चलिए एक उदाहरण के साथ इसे समझने कि कोशिश करते है। मानलिजिए एक भीरभार ईलाके मे आपका कोई ब्यावसाय है जहा रोजाना हजारो ग्राहक खरिदारी के लिए आते है और खरिदारी करते है और लोग उनसे पैसे कमा रहै है।
लेकिन आप इनसे कुछ भी कमा नही पा रहै है क्योकि आपकी दुकान एक तंग गलि मे है जहा ग्राहक पहुछते ही नही। ऐसे मे ग्राहक न ही आपकी ब्यापार के बारे मे जान पाते है और न ही आपके उत्पाद या सेवाएँ के बारे मे जान पाते है। बही अगर आपकी ब्यापार एक तंग गलि मे न होकर बड़ै रास्ते के निकट होते तो जाहिर है आपका ब्यापार भी फेलता फुलता।
बिलकुल यही बात अनलाइन ब्यापार के मामले मे भी होता है , सर्च इंजन रिजल्ट पेज पर आपकी वेबसाइट रैंकिंग जितना पिछे होता है जाहिर है आपको विजिटर भी उतनि ही कम मिलेंगे। खेर इतना तो मोटेतरपर हम सभी को पता है, लेकिन बात यह आता है आखिर एक बैवसाइट के लिए गुगल पर अच्छी रैंकिंग कैसे प्राप्त किया जाए। अगर आप अनलाइन पर कोई ब्यावसाय चलाते है याफिर आप एक बैवसाइस या व्लाग का मालिक है तो आपके लिए यह जानना जरुरी है कि सर्च इंजन के एल्गोरिथम किन किन फेक्टरो पर काम करता है ताकि आप आपने आपको उसी हिसाब से तौयार कर पाए।
बैवसाइट रैंक न होने के कुछ सामान्य कारण
हलांकी अच्छे SEO होने के बावजूद भी google पर website rank न हो पाने के कई अलग अलग कारण हो सकते है जिन्है आपको आपने तौरपर ढुढ़ना है और उन्है सही करना है। इसके लिए आप किसी उच्च क्षमता वाले SEO टूल कि मदद ले सकते है जैसेकि SEMrush SEO टूल । यहा निचे सर्च इंजन पर बैवसाइट रैंक न होने के कुछ सामान्य कारणो के बारे मे दिया गया है:
1. खराब ऑन-पेज एसईओ अनुकूलन:
खराब ऑन-पेज एसईओ आपकी बैव पैज के रैंकिंग को हानि पहुचा सकता है। जब भी आप एक नया बैब पैज तौयार करते है तो आपको इस बैव पैज की अन पैज एसईओ पर खास ध्यान देना चाहिए। आपको इस बात का खास खेयाल रखना चाहिए कि आप जिस कीवर्ड को वेस बनाकर आपना लेख लिख रहै है उस पैज के शीर्षक मे वह कीवर्ड सबसे पहले मौजुद हौ साथही उप शीर्षक यानि H1, H2 टेग और पुरी blog post मे कीवर्ड सामान्य तौरपर शामिल हो। अगर आप blog post मे कीवर्ड कैसे जोड़ें जाते है इसके बारे मे अधिक विस्तार से जानना चाहते है तो आप हमारे द्बारा लिखी गई इस लेख को एकबार जरुर पढ़ै।
कीवर्ड घनत्व का खास ध्यान रंखे ताकि सर्च इंजन को वे कीवर्ड स्टफिंग न लगे। पैज के मेटा विवरण और Permalink मे कीवर्ड को शामिल करे और हमेशा stop keywords को यूआरएल मे शामिल करने से वचे। पैज के इंटरलिंकिंग पर जोर दे ताकि आपकी पुरी बैवसाइट के लिए एक अच्छा जूस लिंक मिल सके। अगर आप आपने पैज पर high reach media के तौरपर image or videos का इस्तेमाल करते है तो Alt टेग और फाईल नेम मे कीवर्ड को शामिल करना न भुले।
2. अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक:
Google website rank न करने का एक बड़ा काऱण high competitive keyword हो सकते है। शायद आपने भी नोटिस किया होगा कभी कभी बैहतर On page SEO और बड़िया article होने के बावजूद भी आपकी बैवसाइट SERP पर दुर दुर तक कही भी दिखाई नही पड़ता।तो इसका एक मतलब ये हो सकता है कि जिस keyword पर आपने आपना article लिंखा उस पर पहले से ही बहुत से बड़े बड़े बैबसाइट रेंक किए हुये है और उस कीवर्ड पर काफी समय से उनका कब्जा है।
आमतोरपर इस तरह के कीवर्ड को काफी प्रतिस्पर्धी माना जाता है और इन पर खड़े उतरना काफी मुशकिल होता है। इसलिए किसी भी keyword के साथ article तौयार करने से पहले अच्छे तरह से keyword research करलेने कि जरुरत है।अगर आप ऐसी प्रतिस्पर्धी कीवर्ड के साथ काम करना चाहते है तो पहले आपको उन बैवसाइटो के Domain authority (DA)/Page authority (PA) बेकलिंकस को चेक करने कि जरुरत है साथही आपको आपनी बैवसाइट के कारेन्ट पजिशन के बारे मे भी जान लेने क जरुरत है ताकी आप खुद को उनकी बवाबरी मे ले जा सके।
इसके लिए आप MOZ या Ahrefs जैसी SEO टुलस कि मदद ले सकते। हलाकी ये काफी मुशकिलो बडा काम हो सकता है ऐसे मे आपको कई सारे हाई अथॉरिटी बाली बैवसाइटो से काफी सारे बेकलिंकस जुटाने की जरुरत होंगे।
3. निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री:
किसी भी बैवसाइट रैंकिंग के लिए कन्टेट सबसे ज्यादा अहम होता है नाकी आपकी साइट कि सजावट। हलांकी अच्छी संरचना, आसान नेविगेशन आपकी साइट कि उपयोगकर्ता अनुभव और बाउंस दर को नियंत्रित करने मे मदद करता है। लेकिन पहली बार जब कोई ऑर्गेनिक विजिटर आपकी वेबसाइट को विजिट करता है तो वे खोज परिणामो में दर्शाए गए पैज के शीर्षक और मेटा विवरण देखते हैं।क्योकि टाइटल टेग और मेटा विवरण वैबपैज का आयना होता और आपकी पैज किस बारे मे है इसका एक संक्षिप्त परिचय होता है।
इसलिए आपनी पैज के शीर्षक और मेटा विवरण को आकर्षक और अनोखा बनाने पर जोर दे, ताकी ज्यादा से ज्यादा user उन पर क्लिक करें। अब जब कोई विजिटर आपकी साइट पर आते है तो वे पहले आपके लेख को पढ़ते है क्योकि उन्है उस विषय पर जानकारी की तालास होती है। अगर आपकी लेख उन्है उचित जानकारी के साथ प्रभावित करने मे सक्षम रहता है तो उपयोगकर्ता आपकी साइट पर मौजुद बाकी चिजो पर भी नजर दौहरा सकते है जिसे गुगल एक अच्छा उपयोगकर्ता अनुभव मानता है जिससे आपकी साइट की रैंकिंग की अच्छी संभावनाएँ बनती हैं।
4. तकनीकल एसईओ:
गुगल पर बैवसाइट रैंक न होने के और एक बड़ा कारन तकनीकी एसईओ मे कोई कमिया भी हो सकते है। वेबसाइट की खराब संरचना , साइट की धीमि गति, आपकी साइट पर टूटे हुए लिंक (404 pages) का मौजुद होना, किसी भी तरह की अपरिभाषित तत्वो का मौजुद होना, अस्पष्ट रंग संयोजन, और जावास्क्रिप्ट त्रुटि जैसे मुद्दे आपकी बैवसाइट रैंकिंग मे खलन डाल सकते हैं। इसलिए नियमित रुप से आपनी वेबसाइट कि निगरानी करे और किसी तरह कि त्रुटि नजर आने पर उसे तुरन्त ठिक करने की कोशिश करे साथही इस बात को भी सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट जैसे सभी उपकरणों पर सही डंग से दिखाई दे।
5. अप्रासंगिक और अपर्याप्त बैकलिंक्स:
किसी भी बैवसाइट रैंकिंग फेक्टर के पिछे बैकलिंक्स का बडा हात होता है और SEO परिप्रेक्ष्य से ये काफी महत्वपूर्ण हैं। आमतोरपर Google का एल्गोरिदम पैज की गुणवत्ता और प्राधिकरण दो कारकों का उपयोग करके निर्धारित करता है:
- पैज की प्रासंगिकता – (इसमे पैज के शीर्षक, टाइटल टैग, पैज के विषय, कीवर्ड घनत्व, URL और ऑन-पेज SEO शामिल है)।
- इनबाउंड लिंक – (इसमे प्रासंगिक वैबसाइटो से बैकलिंक्स, एंकर टेक्स्ट आदि शामिल है)।
अगर आपकी पैज की टाइटल टैग, कीवर्ड घनत्व, ऑन-पेज SEO और बाकी सभी विषयो पर बिल्कुल सही हैं लेकिन फिर भी आपकी पैज रेंक नही कर रहा है तो इसका एक कारण बैकलिंक्स हो सकता है। दरसल बैकलिंक्स आपकी पैज की अथरिटि को बड़ाता और सच ये है की गुगल जैसी सर्च इंजन इसे एक रेंकिक फेक्टर के तौर पर काफी गंभीरता से लेता है। चलिए इसे और अधिक आसानी से समझ ने के लिए एक उदाहरण का सहारा लेते है।
मानलिजिए कि आप किसी इलाके मे एक रेस्तरां चलाते है और आप इस क्षेत्र मे नए है। हलाकी आप गुणवत्तापूर्ण सेवाए प्रदान करते हैं लेकिन लोग आपकी सेवाओ से परिचित नही और लोग आपकी सेबाओ के साथ जुड़ने से परहेज करते है। ऐसे मे अगर कोई प्रतिष्ठित या प्रभावित व्यक्ति या संगठन आपको एक अच्छी सेवा प्रदाता के रूप में मान्यता देते है तो लोगो के विच आपकी विश्वासनीयता बड़ेंगे और लोग धीरे धीरे आपसे जुडते जाऐंगे।
बैवसाइट रैंकिंग के मामले मे भी सर्च इंजन बिलकुल इसी तरह से काम करता है। दरसल बैकलिंक्स एक तरीके से सर्च इंजन को आपकी अच्छी सेबा होना का सिफारिस करता है। इसलिए आपकी पैज पर निर्देशित जितनि भी उच्च गुणवत्ता बाले बैकलिंक्स होंगे गुगल की नजर मे आपकी साइट की विश्वासनीयता उतनी ही बड़ेंगे।
निष्कर्ष के तौर पर
सर्च इंजन कि नजर मे किसी भी वैबसाइट को आपनी प्रामाणिकता और विश्वसनीयता बडाने मे काफी समय लग सकता है। क्योकि यह एक दीर्घकालिक रणनीति है और इसके लिए आपको निरन्तर प्रयास करते रहने की जरुरत होंगी। आपनी वैबसाइट की ऑन-पेज और अफ-पेज SEO का नियमित रुप से जाच करे और जरुरत के आधार पर उन्है सही करे। हमेशा क्वांटिटी बैकलिंक के बजाए क्वालिटी बैकलिंक बनाने पर जौड दे। नया ब्लॉग पोस्ट बनाते समय अच्छी तरह से कीवर्ड रिसर्च करे और हमेहा लंग टेल कीवर्ड का इस्तेमाल करे।इस बात की खासतौरपर पुष्टी करे की आपकी वैबपेज सभी उपकरणी पर बवावर दिखाई देता है।
उम्मीद है google website rank क्यों नही करता? इस बारे मे लिखे गए हमारी ये लेख आपके लिए मददगार साबित होगा और हमारे द्बारा सुझाए गए इन टिप्स को फलो करके आप आपनी वैबसाइट की रेंकिक मे सुधार लाने मे सक्षम होंगे। अगर website ranking को लेकर आपके मन मे कोई सबाल या सुझाव हो तो कृपया हमे कमेन्ट करे। इस तरह की और भी नई नई जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़ै रहै।
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Biswajit
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