Content Management System इंटरनेट पर जानकारी साझा करने का एक बडा साधन है। यहां तक कि गैर-तकनीकी उपयोगकर्ता भी इसकी मदद से अनलाइन पर आसानी से और जल्दी से content प्रकाशित करने में सक्षम हैं। यह सब Content प्रबंधन टूल के आसान उपयोग के कारण संभव हुआ है।
आज CMS का व्यापक रूप से विभिन्न क्षेत्रो मे जैसे ,फर्मों, समाचार संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य व्यवसायों द्वारा उपयोग किया जाता है।तो वास्तव में यह क्या है? cms का फुल फॉर्म क्या होता है? इस लेख में, हम जानेंगे कि सीएमएस क्या है और सीएमएस की अवधारणा क्या है और इसका व्यापक रूप से वर्ल्ड वाइड वेब (www) पर उपयोग क्यों किया जाता है।
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CMS full form in Hindi?
यह एक संक्षिप्त नाम है, जिसका फुल फॉर्म Content Management System है।दरसल, यह एक सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को किसी विशेष तकनीकी ज्ञान के बिना ही वेबसाइट पर content बनाने, उन्हे प्रबंधित करने और संशोधित करने की क्षमता प्रदान करता है।सरल शब्दों में कहा जाए तो, Content Management System एक ऐसा उपकरण है जो लोगों को बिना कोई कोड लिखे ही वेबसाइट बनाने और उसे चलाने में मदद करता है।
CMS क्या है?
जैसा कि मैंने पहले कहा, यह एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है जो उपयोगकर्ताओं को डिजिटल सामग्री के निर्माण, संपादन और उत्पादन में सहयोग करने की अनुमति देता है जैसेकि वेब पेज, ब्लॉग पोस्ट आदि। इसका उपयोग डिजिटल अनुभव बनाने, उसे प्रबंधित करने और अनुकूलित करने के लिए किया जाता है।
CMS या WCM (Web Content Management) आपको डिजिटल सामग्री लॉन्च करने और ईमेल, मोबाइल ऐप, सोशल मीडिया, वेबसाइटों और इस तरह के विभिन्न चैनलों में डिजिटल अनुभव के मुख्य प्रबंधन के तौर पर काम करता है।
content management system कंपनियों को इंटरनेट पर अपनी डिजिटल सामग्री का प्रबंधन करने और उन्हे डिजिटाल रुप मे internet पर साझा करने का अवसर प्रदान करता है।यह एक बुनियादी समाधान है जो आपको किसी भी content को अपलोड करने, content लिखने और उन्हे स्वरूपित करने, किसी भी छवि को जोड़ने, content की हेडलाइन बनाने, टैग जोड़ने (H1, H2…H6), और के रूप में चिह्नित करने के रूप में है।
सामग्री के किसी भाग को नंबर या बुलेट के द्वारा हाइलाइट तथा चिह्नित करने और वेबपृष्ठों को अनुकूलित करने में मदद करता है। यह सबी content management system पर निर्भर करता है और ये सभी content प्रस्तुति का हिस्सा हैं।एक शब्द में कहा जाए तो, यह इंटरनेट पर स्वचालित प्रक्रियाओं के माध्यम से content को संग्रहीत करने और उन्हें साझा करने की तकनीक है। अब तक हमने CMS क्या है? इसके वारे मे जाना , चलिए अब एक नजर इनके प्रकारो पर भी ढाल लेते है।
CMS के प्रकार?
लगभग सभी CMS दो भागो मे बटा होता हैं- 1).फ्रंट एंड और 2).बैक एंड। फ्रंट एंड वह हिस्सा है जिसके साथ उपयोगकर्ता इंटरैक्ट करता है। फ्रंट एंड HTML, CSS और जावास्क्रिप्ट के साथ संयुक्त होता है ताकि उपयोगकर्ताओं को एक अच्छा users experience प्रदान की जा सके।बैक एंड, वह एप्लिकेशन या हिस्सा है जिसका उपयोग वेबसाइट पर नई content पोस्ट करने ,content मे सधार लाने, उन्हे बनाने और प्रकाशित करने के लिए किया जाता है।दरसल, यह एक वेब इंटरफेस होता है, जहा पर आपको ये सभी काम करना होता है।
Content तैयार हो जाने के वाद बैक एंड इस content को डेटाबेस में संग्रहीत करता है और उसे वेबसाइट के फ्रंट एंड पर प्रकाशित करता है।इन दोनो ही प्रणालियों में वे शामिल होता है। वे आपको वेब तकनीकों को समझे बिना ही अपना content प्रकाशित करने की अनुमति देता हैं।
ये कुछ विभिन्न प्रकार के content management systems हैं जो निम्नलिखित हैं।
1). Component Content Management System (CCMS)
यह एक मान्न CMS प्रक्रिया से भिन्न है, और इस प्रक्रिया मे content को एक बारीक स्तर पर व्यवस्थित करता है और फिर उन्हे पृष्ठ दर पृष्ठ प्रबंधित करने के बजाय, शब्द, वाक्यांश, पैराग्राफ या फ़ोटोओ को एक केंद्रीय भंडार में संग्रहीत करता है, जिन्हे Component कहा जाता है। यह components एक बार संग्रहीत किए जाते के बाद अब Component Content Management System एक सुसंगत ओर विश्वसनीय स्रोत के रूप में कार्य करता है और फिर उन्हे मोबाइल, पीडीएफ और प्रिंट समेत हर तरह के प्लेटफार्मों के लिए serve करता है।
2).Document Management System (DMS)
Document Management System का उपयोग cloud में संग्रहीत दस्तावेज़ों को संभालने के लिए किया जाता है। DMS क्लाउड में दस्तावेज़ों को प्रबंधित करने, उन्हे संग्रहीत करने और ट्रैक करने का एक पेपरलेस समाधान है। यह सिस्टम प्रतिलिपि बनाने या स्कैन करने जैसे परेशानीओ के बिना दस्तावेज़ों को अपलोड करने, उन्हे संसाधित करने और साझा करने का एक स्वचालित प्रक्रिया प्रदान करता है।
Document Management System वेबसाइट या दस्तावेज़ों को आसानी से व्यवस्थित, सुरक्षित, और डिजिटाइज़ करने में मदद करता है। Management का यह System ,content की गोपनीयता बनाए रखते होये उच्च सुरक्षा के साथ काम करता है। ClickUp , HubSpot जैसी साइटें इस प्रकार की प्रबंधन प्रणालियों का उपयोग कर रहा हैं।
3).Web Content Management System (WCMS)
यह भी एक प्रकार का CMS है जो उपयोगकर्ता को किसी सॉफ्टवेयर कि ज्ञान के बिना ही वेब पेजो को बनाने, उन्हे संपादित करने और प्रबंधित करने का मौका देता है। यह एक लेआउट प्रदान करता है जो एक वेबसाइट और इसकी content को आसानी से बनाने में मदद करता है।
यह उपयोगकर्ताओं को अपने व्यक्तिगत content इनपुट करने के साथ वेबपेजों को अनुकूलित करने में सक्षम बनाता है। इसकी ऑटो प्रक्रिया, समय बचाने में मदद करता है और काम की गति को बढ़ाता है। WordPress और Drupal जैसी बेवसाइट प्रवन्धक व्यापक रूप से इस प्रकार की प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करता हैं।
4).Enterprise Content Management System (ECM)
एंटरप्राइज कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम एक कार्यप्रणाली है जो कंपनी की जानकारी को संभालने के लिए कई तरह की रणनीतियों और उपकरणों का उपयोग करता है। यह प्रबंधन प्रणाली एक संगठन के दस्तावेज़ीकरण को एकत्रित, व्यवस्थित और वितरित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि महत्वपूर्ण जानकारी सही व्यक्ति तक पहुंचाई जाए। सरल शब्दों में कहें तो, ECM कंपनी के बुनियादी ढांचे को आकार देता है।
5).Mobile Content Management Systems(MCMS)
इस प्रबंधन प्रणालियो को विशेष रूप से स्मार्ट फोन, टैबलेट आदि जैसे उपकरणों का उपयोग करके Content को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया हैं। इस System का निर्माण स्मार्ट फोन प्रौद्योगिकी कि विकास के साथ विकसित हुआ है। इस पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आकार मे छोटे होने के कारण संभालना आसान होता है , जो यात्रा के दौरान भी content Management को आसान वनाता है।
6).Digital Asset Management System (DAM)
DAM एक सूचना और व्यवसायीक प्रक्रिया प्रबंधन तकनीक है। यह प्रबंधन प्रणाली SaaS का एक नया वर्ग है जो डिजिटल फ़ाइलों को संग्रहीत करने, व्यवस्थित करने और पुनर्प्राप्ति कि प्रक्रिया को सरल बनाने मे मदद करता है। एक Digital Asset Management System के साथ, उपयोगकर्ता आसानी से डिजिटल फाईलो को स्टोर, व्यवस्थित और साझा कर सकता हैं। यह वास्तव में एक केंद्रीकृत पुस्तकालय है जहां ग्राहक और कर्मचारी उन रचनात्मक फाइलों को ऑडियो, वीडियो और दस्तावेजों को रूप में प्राप्त कर सकते है। यह एक क्लाउड-आधारित Management System है जिसे दुनिया बड मे कही से भी access किया जा सकता है।
यह कैसे काम करता है?
यह एक ग्राफिक यूजर इंटरफेस (GUI) है जो इसके डेटाबेस के साथ उपयोगकर्ता को interact कराता है। उपयोगकर्ता को किसी तरह कि कोड और डेटाबेस की समझ के बिना ही एक बेवसाइट कि टेम्पलेट फ़ाइलों और डिज़ाइनो में बदलाव करने की अनुमति देता है। इसे एक होस्टिंग खाते पर स्थापित किया जाता है और Content Pages, Blog Posts जैसे पूर्व-निर्मित मॉड्यूल के साथ काम करता है।डेटाबेस मे पहले से ही टेबल इंस्टाल किया होया होता है जो content बनाने के काम है। यह सभी एक यूजर इंटरफेस के माध्यम से किया जाता है।
अब जब आप एक नया ब्लॉग पोस्ट तैय़ार करते है और “पोस्ट” बटन पर क्लिक करते है तो वे डेटाबेस में एक नई पंक्ति के साथ जमा हो जाता है हलाकि, वेबसाइटों के लिए CMS के कोई सारे विकल्प मौजुद हैं, जैसे कि वर्डप्रेस, ड्रुपल, विक्स आदि, और ये सभी सिस्टम अलग-अलग तरिके से काम करता हैं, जिसमे वेबसाइट कि नियंत्रण भी शामिल है।
CMS क्यों जरूरी है?
Content हमेशा किसी भीऑनलाइन व्यवसाय के लिए एक संपत्ति जैसा होता है। यह उपभोक्ताओं के बीच एक ध्यान आकर्षण और छाप छोरने का काम करता है। व्यवसायों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है उन्हे संरचित, नियोजित, ताज़ा और अच्छी तरह से प्रबंधित सामग्री प्रदर्शित करना। एक और महत्वपूर्ण बात यह हे की समय-समय पर इसका प्रबंधन और समीक्षा करना है। यह आपको नई content के साथ आपके व्यवसाय का समीक्षा करने और उन्हें ताज़ा करने की अनुमति देता है।
इसके होने से आप अपनी content पर पुरा नियंत्रण रख सकते हैं। एक सामग्री प्रबंधन प्रणाली के साथ आप बिना किसी खतरे के अपनी साइट पर किसी भी छवि, पाठ, वीडियो या ऑडियो को अपडेट, बदल या हटा सकते हैं। इसके होने से, आप अपनी साइट को व्यवस्थित और अप टू डेट रख सकते हैं। यह न केवल आपके ग्राहकों के लिए बल्कि आपकी साइट कि SEO (Search Engine Optimization) के लिए भी बहुत जरुरी है।तो, सीएमएस उपयोगी क्यों है? अगर हम इसे संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं:
- आपको इसकी उपियोग के लिए तकनीकी रूप से जानकार होने की आवश्यकता नहीं है।
- यह एक समय में आपकी साइट के लिए कई सामग्री प्रबंधित कर सकता है।
- साइट कि रखरखाव को आसान बनाता है।
- content आदि पर पूर्ण नियंत्रण रखना है।
CMS के Example
Digital दुनिया मे कोई अलग-अलग CMS प्लेटफ़ॉर्म मोजुद हैं। लेकिन, इन मे से आपको कोनसा चुनना चाहिए? दरसल इस सबाल का जबाव कोई चिजो पर निर्भर करता है। जैसेकि:-
- आपकी जरुरते क्या है?
- आपका बजेट क्या है?
- आपका लक्ष्य या उद्देश्य क्या है? आदि।
कुछ platform मासिक शुल्क बाले होते है, जिसके लिए आपको उनके criteria के अनुसार भुकतान करना पड़ता है।लेकिन, रहत कि बात ये है कि इनमे से कुछ platform आंशिक या पूरी तरह से मुफ्त हैं।
हलाकि, मुफ्त बाले प्लेटफॉर्म के साथ, आपको तृतीय-पक्ष के एक्सटेंशन/plugin, डिज़ाइन या वेब होस्टिंग सेवाओं के लिए भुगतान करना पड़ता है। तो, आपना सीएमएस प्लेटफॉर्म को चुनने से पहले उपर सुझाए गए इन बातों को ध्यान में रखने कि जरुरत हे। तो, उपर बताए गए इन बातों को ध्यान में रखते हुए, आइए सबसे अच्छे CMS प्लेटफॉर्मो पर एक नज़र डाल लेते हैं। यहा सबसे best या popular CMS platforms के नाम दिए गए है:
1. WordPress.org
WordPress.org सबसे अच्छे CMS प्लेटफॉर्म में से एक है। यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला सीएमएस सॉफ्टवेयर है। इंटरनेट की दुनिया में 43% से अधिक वेबसाइटें वर्डप्रेस द्वारा संचालित हैं। कुछ लोग अक्सर WordPress.org और WordPress.com को लेकर भ्रमित रहते हैं। यहां मैं स्पष्ट करता हूं कि WordPress.org और WordPress.com दोनों अलग-अलग प्लेटफॉर्म हैं। हालांकि दोनों एक ही समुदाय के हैं।
लेकिन उनके बीच बुनियादी अंतर यह है कि WordPress.org एक फ्री और ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर है, जबकि, WordPress.com एक पेड कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम है। जैसा कि यह एक ओपन-सोर्स सीएमएस सॉफ्टवेयर है, तो आप उस सॉफ्टवेयर को उनकी वेबसाइट WordPress.org से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। तो, अब तक CMS ka full form क्या है इसके बारे हमने विस्तार से जाना, लेकिन जबकि wordpress सबसे लोकप्रिए content management system है तो इसके साथ केसे एक website वनाया जाता है अब इसे जानना बहुत अहम हो जाता है।
WordPress के साथ वेबसाइट कैसे बनाएं?
Pro Tips:
हालाँकि, वर्डप्रेस में कुछ भी खर्च नहीं होता है। लेकिन, जब आप वर्डप्रेस के साथ एक नई वेबसाइट शुरू करते हैं, तो आपको अपनी वेबसाइट होस्ट करने के लिए अपने स्वयं के डोमेन नाम और एक होस्टिंग खाते की आवश्यकता होती है।
हलाकि,एक उपयुक्त वर्डप्रेस hosting provider ढूंढना, काफी सिरदर्द का काम है, खासकर नौसिखिया के लिए। क्योंकि कई महत्वपूर्ण और तकनीकी कारक हैं जो एक होस्टिंग के पीछे काम करता हैं जिन्हें टाला नहीं जाना चाहिए, जैसेकि साइट की गति, अपटाइम, HTTP पर SSL certificate, easy वर्डप्रेस इंस्टॉलेशन और कस्टमाइज़ेशन, और भी बहुत कुछ। इन सभी झमेलो को आसान बनाने के लिए मैं आपको Hostinger web hosting के साथ जाने की सलाह देता हू।क्योंकि Hostinger पर वे सभी स्वचालित है।
एक special offers के साथ, आप अपनी वेबसाइट को Hostinger के साथ केवल ₹149.00/महीने* पर होस्ट कर सकते हैं जिसमें एक मुफ़्त डोमेन और FREE SSL शामिल है, और साथ ही मुफ़्त सीडीएन और 24/7/365 live support भी शामिल है।
2. Joomla
जूमला एक लोकप्रिय फ्री open source CMS प्लेटफॉर्म है जो विभिन्न प्रकार के टेम्प्लेट और एक्सटेंशन के साथ आता है। जूमला सुविधाओं से भरा हुआ है, और उनमें से एक है one-click installation कि प्रक्रिया।लेकिन वर्डप्रेस की तरह ही, इसमे आपको अपनी साइट स्वयं होस्ट करने के लिए एक domain name के साथ-साथ एक hosting plan की भी आवश्यकता होती है।
हालाँकि, यह प्लेटफॉर्म डेवलपर्स और अनुभवी वेबसाइट निर्माताओं के लिए आदर्श है, शुरुआती लोगों के लिए यह इतना अच्छा विकल्प नहीं है।
3. Drupal
WordPress के बाद, Drupal ऑनलाइन अस्तित्व के लिए दूसरा सबसे लोकप्रिय CMS प्लेटफॉर्म है। ड्रुपल भी एक मुफ्त सीएमएस प्लेटफॉर्म है, हालांकि आपको वर्डप्रेस की तरह फिर से अपनी खुद की होस्टिंग की भी आवश्यकता होगी।
Drupal में एक उन्नत administrative पैनल है, जो content प्रस्तुति और प्रबंधन का पूर्ण नियंत्रण देता है। यह तेजी से लोड होने बाला और सुरक्षित है और साथ ही 100 से अधिक भाषाओं का समर्थन करता है। विभिन्न उद्योगों के लिए तैयार टेम्प्लेट खासकर पर्यटन और ईकामर्स के लिए उपयोग करना आसान बनाते हैं।
लेकिन, दुर्भाग्य से, यह फिर से शुरुआती लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्हे ऐसी वेबसाइट बनाने में परेशानी हो सकता है। यह डेवलपर्स के लिए या उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो एक महंगे डेवलपर को काम पर रखने में सक्षम हैं।
4. HubSpot
HubSpot वेबसाइट बनाने के लिए शीर्ष CMS विकल्पों में से एक है। यह उपकरण शुरुआती लोगों के लिए एकदम सही है। इसके user friendly उपकरण आपको तकनीकी ज्ञान के बिना वेबसाइट बनाने और प्रकाशित करने में मदद करता हैं।
इसके एकीकृत विपणन उपकरण visitors के बीच आपकी पहुंच और engagement बढ़ाने में मदद करता हैं। एक समर्पित तकनीकी टीम हमलावरों से बचने और नियमित वायरस स्कैन को संभालने के लिए 24 घंटे इस प्लेटफॉर्म की निगरानी करता रहता है।
हालांकि, इन सभ के बावजूद भी, इसकी उच्च लागत के कारण यह एक नौसिखिया के लिए एक अच्छा विकल्प नहीं है।यह CMS marketers के लिए एक अच्छा विकल्प है।
5. Magento
उपरोक्त सभी में, Magento को एक सर्वश्रेष्ठ ईकामर्स प्लेटफॉर्म के रूप में जाना जाता है। मैगेंटो के सीएमएस सभी प्रकार की ईकामर्स वेबसाइटों को अनुकूलित करने के लिए सुरक्षा, एसईओ और अनुकूलन पर विशेष ध्यान देते हैं।
एक ऑनलाइन स्टोर प्रबंधक के रूप में, यह प्लेटफॉर्म काफी शक्तिशाली है और इसमें बड़ी संख्या में उत्पादों को सूचीबद्ध करने और ऑर्डर प्रबंधित करने की सुविधा है।Magento मध्यम और बड़े पैमाने के ईकामर्स स्टोर के लिए उपयुक्त है।
Conclusion
content management system आपके सभी प्रकार के contents जैसे images, videos,gifs, infografics या किसी article को व्यवस्थित करता है , ताकि आपके पास एक स्पष्ट संरचना हो, और आपके विज़िटर आसानी से आपकी वेबसाइट देख और पढ सके।यह SEO में सुधार ला सकता है, क्योंकि जब आप एक blog post बना रहे होते है तो CSM आपको जरुरत के हिसाब से मौजूदा content में optimize करने का मौका देता हैं।
इसके साथ आप आपने contents को लोगो के विच साझा कर सकते हैं। इसके सहारे साईट पर होने बाले comments के maintain से लेकर साईट की सामग्री प्रबंधक कि असाइन तक जैसे महत्वपूर्ण कामो को पुरा किया जाता हैं। इस प्रणाली का उपयोग करने के लिए आपको किसी खास तकनीकी जानकार होने की आवश्यकता नहीं है।
तो, उम्मीद है कि इस article को पढने के बाद CMS क्या है? यह केसे काम करता है? और CMS ka full form क्या है? इन सब के बारे मे आपको पुरी जानकारी मिल गई होंगी।