कुछ ही सालो पहले कि बात है जब Digital Currency अस्तित्व मे नही था, तब “पैसे” का मतलब सिर्फ अपने जेब में या मनी पार्स मे रखने बाले चमचमाते और करारे कागज के नोटो को मानते थे। जिन्है कलेक्ट करने या जमा करने के लिए लोग वेंक काउंटर पर लम्बी कतारो मे घन्टो खरे रहते थे। बले ही आपको कितनाभी अर्जेसी क्यो न हो कागज के इन कुरकुरे नोटो को जबतक अपने हातो मे नही पा लेते आप वेचारे बने होते थे।
लेकिन अब, बक्त बदल गया है और डिजिटल कर्न्ती के साथ दुनिया में डिजिटल लेनदेन की शुरुबात होने लगी। पहले जहाँ आप किसी को पैसा भेजने के लिए मनी अडार का सहारा लेते थे जहा समय एक बड़ा फेकटर हुया करता था, वही अब अप अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करके सेकंडों में किसी को भी पैसा भेज सकते हैं। लेकिन आज भी कोई लोग Digital Currency वास्तव में क्या है? यह हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले ट्रडिशनल भुगतानों से कैसे अलग है इसके बारे ज्यादा कुछ नही जानते? तो इस आर्टिकेल मे आपको डिजिटल मुद्रा के बारे मे पुरी जानकारी देने बाला हु।
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Digital Currency वास्तव में क्या है?
यह एक ई-एसेट है जो कागजी रुपीया या सिक्के के बजाए पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप में होता है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क या डिजिटल सिस्टम द्बारा संग्रहीत और स्थानांतरित किया जाता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस सिस्टम है जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) जैसे संस्था द्बारा नियत्रित किया जाता है। इसका उपयोग कागजी रुपीया की तरही सामान खरिदने से लेकर हर तरह की सेवाएँ खरीदने यहातक की निवेश के रूप में किया जा सकता है।

Bitcoin या Ethereum इस सनधर्ब मे एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जा सकता है। हलांकी, भारत मे ऐसे मुद्रायो को “Digital Rupee” या E-Rupee के रुप जाना जाता है जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया गया है। लेकिन यह Bitcoin जैसे Cryptocurrency से थोड़ा अलग है और इसकी चर्चा हम आगे इस लेख मे करने बाले है। यह भारत का एक संप्रभु मुद्रा है जिसे सरकारी एजेंसियों, व्यवसायों और नागरिकों को भुगतान के लिए लिगेल टेन्डार के रुप मे अनुमोदन दि गई है।
ई-मनी कैसे काम करती है?
ये वर्चुअल करेंसी लोगों को बैंक या किसी अन्य वित्बीय परिचालक संस्था की आवश्यकता के बिना इंटरनेट पर सीधे एक-दूसरे को भुगतान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
उपयोगकर्ता इन्है अपनी डिजिटल वॉलेट (जोकि आपके स्मार्टफ़ोन पर मौजूद ऐप या कंप्यूटर पर मौजूद सॉफ़्टवेयर हैं) में जमाकरके रखते हैं। अब इन जमाक्रित इलेकट्रनिक राशि तक पहुँचने और उसे प्रबंधित करने के लिए उपयोगकर्ता को एक ज़रूरी गुपनीय कुंजि प्रदान कि जाती हैं।
अब जब आप इसके द्बारा किसी के साथ लेन-देन या किसी को पैसा भेजना या किसी से पैसा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप अपने वॉलेट के ज़रिए लेन-देन कर सकते हैं। जबआप इसके माध्यम से लेन-देन प्रारम्भ करते है तो इस करेंसी को सपोर्ट करने वाले कंप्यूटर के नेटवर्क पर भेजा जाता है और फिर उस नेटवर्क में मौजूद दूसरा कंप्यूटर लेन-देन की इस प्रक्रिया को सत्यापित करता हैं। इस प्रक्रिया के दोरान वे इस बात की जाँच करता हैं कि लेन-देन के लिए आपके पास पर्याप्त धनराशि है या नही साथ लेन-देन वैध है या नही। लेन-देन की प्रक्रिया सुरक्षित तरिके से सम्पर्ण हो इसके लिए क्रिप्टोग्राफी सुरक्षा तकनिकी का उपीयोग किया जाता है।
एक बार वेरिफिकेशन की प्रक्रिया सम्पर्ण हो जाने के बाद, अब इस लेन-देन को ब्लॉकचेन नामक एक सार्वजनिक बहीखाते में दर्ज कर लिया जाता है ताकी इसे एक रेकर्ड के रुप मे नेटवर्क मे मौजुद सभी कंप्यूटरों में साझा किया जाता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि नेटवर्क से जुड़े सभी के पास इस लेन-देन का एक ही रिकॉर्ड हो, जिससे सिस्टम की पारदर्शी और सुरक्षा बनी रहे।
एकबार ब्लॉकचेन में लेनदेन से जुड़ी दस्तावेज स्टोर हो जाने के बाद, यह एक स्थायी रिकार्ड बन जाता है जिसमे अब बदलाव या किसी तरह की सुधार की कोई गुनजाइस नहीं रहता। इसका मतलब है कि एक बार जब आप इन्है किसी को भेज देते हैं, तो यह आधिकारिक तौर पर प्राप्तकर्ता को हस्तांतरित हो जाती है।
डिजिटल संपत्ति के फाएदे
भौतिक मनी के साथ अगर इसकी एक तुलनातेमक बिश्लेषण किया जाए तो हमे डिजिटल भुगतान से लेकर बेहतर मौद्रिक नीति, आसान विनिमय, पीयर-टू-पीयर लेनदेन, वित्तीय समावेशन, सीमा पार भुगतान जैसे कई महत्वपूर्ण फाएदे दिखने को मिलते है। निचे इसके कुछ और महत्वपूर्ण फाएदो के बारे मे दिया गया हैं:
- भौतिक कयेन या नोटों की तरह व्यक्ति द्वारा उन्हें खोने की कोई संभावना नहीं रहता है।
- चूंकि इसका संचालन ऑनलाइन होता है, इसलिए भौतिक रूप की तुलना में नोटों के क्षतिग्रस्त होने, विकृत होने या फटने की कोई संभावना नहीं होती, जिसके कारण उनका जीवन लंबा होता है।
- क्योकि इनका नियत्रन CBDC द्बारा ईलेकट्रनिक रुप मे किया जाता है; इसलिए, इसे भौतिक रूप से नुकसान पहुँचाने, जलाने या फाड़ने या इन्है कोई अन्य तरीको से नुकसाल पहुचाना काफी मुशकिल हो सकता है।
- क्योकि डिजिटल रुपी CBDC यानि RBI द्बारा रेगुलेट किया जाता है जोकि केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए जहा बिटकॉइन, एथेरियम आदि जैसी क्रिप्टोकरेंसी में उतार-चढ़ाव रहती है वही इसमे एसी संभावनाए कम होती है। जिसका मतलब हे की यह एक स्थिर(Fiat currency) है।
- डिजिटल लेनदेन की सबसे बड़ी खासियत यह हे कि इसमे धोखाधड़ी और अनधिकृत लेनदेन के जोखिम कम होती है, जिससे लोगो के मनमे लेनदेन की पारदर्शिता को लेकर एक सुरक्षा का पजिटिब भाब रहता है।
- चाहे लेनदेन व्यक्तिगत हो या व्यवसायिक, घरेलु हो या अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक लेनदेन विनिमय शुल्क जैसी अतिरिक्त खरचो से राहत मिलती है।
- डिजिटल लेनदेन की तुरंत संसाधित प्रक्रिती लोगो को आकर्षित करने का एक और बड़ा कारण है। जहा पारम्परिक लेनदेन मे बैंको के चक्कर काटमे कई दिन लग जाते हैं वही वे आपकी लेनदेन की प्रक्रि को तुरन्त सम्पादित करता है और आपकी अतिरिक्त श्रम और समय दोनो बचाता है।
- इसमे भुगतान के लिए बैंकों या कोई अन्य त्रितिय पक्ष की आबश्यकता नही होती हैं, जिसके कारण लेनदेन के दौरान कोई अतिरिक्त शुल्क की अनिवार्यता नही होती।लागत काफी कम हो जाती है और यह व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों के लिए अप्लिकेवल है।
डिजिटल मुद्रा के विभिन्न प्रकार
इन्है तीन मुख्य प्रकारों में डिफेरेन्टसिएट किया जा सकता है: 1).क्रिप्टोकरेंसी, 2).केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राएँ (CBDC) 3) स्टेबलकॉइन। क्रिप्टोकरेंसी मे बिटकॉइन और एथेरियम जैसी करेंसी शामिल होते है और वे सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी तकनीक का उपयोग करता हैं। उसी तरह CBDC किसी देश की केंद्रीय बैंकों द्वारा नियत्रित एक ई-मुद्रा है। इसे खासतौरपर, डिजिटल रूप लेनदेन को अधिक तेजी प्रदान करने के लिए विकसित और डिज़ाइन किया गया है।
डिजिटल रुपया इसी प्रकार की एक और स्थिर कारेन्सी है जिसे भारत के सर्वोच्च आर्थिक निरामक अथारिटी, यानि रिजार्व बैंको द्वारा जारी किया गया हैं। उसी तरह स्टेबलकॉइन एक किसम का डिजिटल एसेट्स है जिसे मूल्य को स्थिर बनाए रखने के लिए डेबलप किया गया है, जिसे फ़िएट मुद्राके तौरपर जाना जाता है। इसके एलाबा अन्य समान अंतरराष्ट्रीय मुद्रायो की बात की जाए तो, टेथर (USDT) या यूएसडी कॉइन (USDC) इस तरह की श्रणी मे आता है।
डिजिटल रुपि और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर
वे ऐसी कोई डिजिटल एसेटस होती है जो पूरी तरह से डिजिटल स्वरूप में होती है, और एक नजर मे वे सभी समान प्रतित होते है। जबकि इनमे कुछ समाताए होने के बावजुद भी कुछ मुलभुत अंतर है। इन दोनो के विच की अंतर को रेखांकित करने के लिए नीचे एक टेविल की मदद ली गई है।
डिजिटल करेंसी(CBDC) | क्रिप्टोकरेंसी(Bitcoin) |
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CBDC-आधारित डिजिटल रुपि केंद्रीय बैंक द्वारा जारी और विनियमित की जाती है। | क्रिप्टोकरेंसी एक विकेन्द्रीकृत ई-मुद्रा है और किसी भी सरकारी संस्था द्वारा समर्थित नहीं है। |
यह भौतिक रुपिया की तरह ही व्यवहार करती है जैसे कोई सामान खरीदना या किसी चीज़ के लिए भुगतान करना। बस इतना अंतर है कि यह कैशलेस मनी है। | इसका कोई भौतिक रूप नहीं है, यह केवल डिजिटल रूप में उपलब्ध है। |
इन्हें सरकार द्वारा समर्थित किया जाता है और केंद्रीय बैंक उपयोगकर्ताओं के लिए प्रबंधन और वितरण के लिए जिम्मेदार होता है। | यह स्वतंत्र रूप से संचालित होती है और लेनदेन को सुरक्षित करने और डिजिटल परिसंपत्तियों की नई इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग करती है। |
डिजिटल रुपया एक वैध मुद्रा है और इसे भौतिक रुपिया के समान भुगतान का एक वैध साधन के रुप मे मान्यता दि गई है। | बिटकॉइन या पाई जैसी क्रिप्टोस को कई देशो मे अभी तक कानूनी मान्यता नहीं दी गई है। |
इन्हें आम तौर पर वस्तुओं और सेवाओं के लिए तत्काल विनिमय के माध्यम के रूप में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है, और ये वास्तव में दिन-प्रतिदिन के लेन-देन के लिए हैं। | इनका उपयोग मुख्य रूप से निवेश के उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसका उपयोग भुगतान के रूप में भी किया जा सकता है, जहा व्यापारी द्बारा इन्है स्वीकार किया जाता हो। |
क्योकि वे सरकारो द्बारा नियत्रित है इसलिए आमतौरपर इसका मुल्य स्थिर होेते है। | क्योकि वे आपूर्ति और मांग कि सिद्धांतो पर आधारित है इसलिए इनका मुल्यअस्थिर होता है। |
Conclusion
तो आपने अबतक जाना सीबीडीसी द्बार जारी ई-रुपी और ब्लॉकचैन आधारित क्रिप्टोकरेंसी मे कई समानता होते हुये भी वे एक दुसरे से कितना अलग हैं। डिजिटल मुद्रा वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र मे एक नई दिशा को तय करते हुये आगे बड़ रहा है। यह नकदी समस्याओं को दरकिनार करते हुये भुगतान प्रणालियों को अधिक लचिला, सस्ता और गतिशील बना दिया है वलेही वे अभी भी अपने शुरुआती दौड़ से गुजर रहा है। भविष्य में इसकी महत्वपूर्णता लेनदेन कि क्षेत्र मे और अधिक होने की सम्भाबना जातए जा रहे है।
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Biswajit
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